वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />७ मई २०१४,<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />हद चले सो मानवा, बेहद चले सो साध |<br />हद बेहद दोनों तजे, ताका मता अगाध || (संत कबीर)<br /><br />प्रसंग:<br />मनुष्य को हदों में कैद होना क्यों भाता है?<br />कैद में क्या सुविधा है?<br />असीम से कबीर का क्या अभिप्राय है और क्यों इसे इतना महत्वपूर्ण माना है ?